अम्बेडकरनगर। बसखारी थाना क्षेत्र में श्रद्धालुओं से भरी बस ड्राइवर से रंगदारी मांगने के चर्चित मामले में दोनों आरोपितों की जमानत अर्जी जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम सुलीन सिंह ने खारिज कर दी। यह मामला 13 फरवरी 2025की है।
गौरतलब है कि थाना क्षेत्र बसखारी के पास 13 फरवरी को दिनदहाड़े झारखंड के बस चालक का अपहरण कर लिया गया। बस पर बैठे श्रद्धालु परेशान हुए तो पुलिस को सूचना दी। गनीमत रही कि कुछ ही घंटाें में चालक को बरामद कर लिया गया। कार में हल्की सी टक्कर लगने पर उसका अपहरण किया गया था। पुलिस ने बसखारी के ही तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।
बताते चलें कि झारखंड के हजारीबाग निवासी चालक मुकेश तिवारी 60 लोगों को लेकर प्रयागराज महाकुंभ के लिए निकले थे। महाकुंभ में स्नान के बाद अयोध्या में दर्शन किए। उसके बाद लुंबिनी-दुद्धी राजमार्ग के रास्ते वाराणसी जा रहे थे। रास्ता भटक जाने के चलते मुकेश बस लेकर बसखारी पहुंच गए। चौराहे पर पहुंचते ही पीछे से आ रहे एसयूवी सवार लोगों ने बस को ओवरटेक कर रोक लिया था और मुकेश से चाभी छीनकर उसे नीचे उतार लिया था। यही नहीं, मुकेश को जबरन गाड़ी में बैठाकर अपहरणकर्ता रामनगर की तरफ भाग निकले। बस में बैठे श्रद्धालुओं ने मदद के लिए पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने यात्रियों से वाहन चालक का नंबर लेकर उससे बात की तो पता चला कि लोकेशन रामनगर के पास का है। पुलिस ने बिना देर किए ही घेराबंदी कर रामनगर से चालक और आरोपी आलापुर के पीपरपुर नसीरपुर शिवतारा गांव निवासी सीतावती यादव, प्रभांशु यादव और इमरान अली को गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद चालक व श्रद्धालुओं के शिकायत पर रंगदारी मामले में केस दर्ज कर लिया।
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सूचना पर हरकत में आई पुलिस ने मुकदमा दर्ज जांच शुरू की तो आलापुर थाना क्षेत्र के नसीरपुर निवासी प्रभांशू कृष्ण पुत्र राजितराम यादव एवं सरावां निवासी मो. इमरान पुत्र चिराग अली का नाम प्रकाश में आया। दोनों आरोपितों की ओर से सत्र न्यायालय में दिए गए जमानत अर्जी पर डीजीसी क्रिमिनल गोविन्द श्रीवास्तव ने विरोध किया जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल के समर्थन में तर्क दिए। अपराध की गम्भीरता के दृष्टिगत जिला जज ने दोनों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
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