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Sunday, September 26, 2021

अम्बेडकरनगर। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन

अम्बेडकरनगर। पण्डित दीन दयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ द्वारा साहित्यकार कलाकार सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।

इस सम्मान समारोह में जनपद के 30 साहित्यकारों एवं कलाकारों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान से अलंकृत किया गया। सम्मान समारोह के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों ने देश प्रेम गीत और हास्य कविताओं से देर रात तक श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ मिथिलेश त्रिपाठी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर सिंह मिंटू जिला उपाध्यक्ष विमलेंद्र मोनू डॉ रजनीश सिंह अनुपम पांडे आदि अतिथियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण और सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया।

   कवि सम्मेलन का संचालन देवास मध्य प्रदेश के लोकप्रिय कवि शशिकांत यादव ने बहुत ही चुटीले और मोहक अंदाज में किया।जबलपुर से आई कवित्री मणिका दुबे के वाणी वंदना से कवि सम्मेलन का आगाज हुआ इसके बाद जनपद के ओजस्वी कवि/कवि सम्मेलन संयोजक अभय निर्भीक ने अपनी देशभक्ति कविताओं से श्रोताओं में जोश भरा।बाराबंकी से आए गजेंद्र प्रियांशु ने अपने अंदाज में गुदगुदाते हुए गीतों से जोड़ा। इंदौर से आए देश के लोकप्रिय गीतकार अमन अक्षर ने अपने मित्रों के साथ साथ भगवान राम पर केंद्रित गीत श्रोताओं तक पहुंचाया तो पूरा सभागार अनवरत तालियों से गूंज उठा। कवि सम्मेलन में अयोध्या से आए वरिष्ठ कवि जमुना प्रसाद उपाध्याय ने अपने जनवादी तेवर के साथ कवि सम्मेलन को ऊंचा उठाया।

कवि अमन अक्षर ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि

  देह की परंपरा में नई लय का जन्म था। पहली बार भय के गर्भ से अभय का जन्म था। पाप के लिए तो जैसे ये प्रलय का जन्म था। जन्म का समय नहीं था ये समय का जन्म था। एक पूरी सभ्यता के पुण्य  का  प्रताप हैं। कृष्ण कृष्ण बाद में हैं पहले  कृष्ण आप हैं।

कवित्री मणिका दुबे ने गीत के माध्यम के अपनी प्रस्तुति में कहा कि

   तुम हँसते हो तो लगता है,हँसता है संसार। तुम्हें कैसे ना करते प्यार।। तुम ना हो तो जीवन का होना भी क्या होना है। तुमको ना पाया तो सब कुछ पाकर भी खोना है।। मेरी छोटी सी दुनिया को तुम देते विस्तार। तुम्हें कैसे ना करते प्यार

 कवि सम्मेलन संचालक कवि शशि कांत यादव ने रचना की प्रस्तुति में कहा कि 

देश की सुरक्षा हेतु जिसने बहाया रक्त। ऐसे नौजवान की उतारे हम आरती। वंदे मातरम गीत गाकर शहीद होने वाले मस्तानों की उतारे आरती।।

कवि प्रियांशु गजेंद्र ने गीत गाकर अपनी मधुर प्रस्तुति में कहा कि

चोट खाये लोग रहते जिस गली में, है वहीँ मरहम का कारोबार मेरा।नागफनियों की गली में फूल का व्यापार मेरा।। 

वरिष्ठ कवि यमुना प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि

कैक्टस तो सजा के दालान में रखता है। बूढ़े मां बाप को ध्यान में रखते ज्यादा लान में रखता है।।

  वीर रस के कवि अभय निर्भीक ने देश के सम्मान में कहा कि

 भारत माता का हरगिज सम्मान नहीं खोने देंगें। अपने पूज्य तिरंगे का अपमान नहीं नहीं होने देंगे।।

    कवि सम्मेलन में कवियों के प्रस्तुति का आनन्द लेते हुए श्रोता मंत्रमुग्ध हो कर सुनते हुए कवियों की कविता पर तालियों से उनका उत्साह वर्धन भी समय समय पर करते रहे। कवि सम्मेलन में प्रमुख रूप से पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष कपिल देव वर्मा, रमाशंकर सिंह, पूर्व मंत्री धर्म राज निषाद, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ क्षेत्रीय सह संयोजक उपमा पाण्डेय, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ जिला संयोजक सौरभ शुक्ला, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रमेश चंद्र गुप्त, रफत एजाज़, जिला महामंत्री बाबा राम शब्द यादव, जिला मीडिया प्रभारी बाल्मीकि उपाध्याय, विधायक प्रतिनिधि श्याम बाबू गुप्ता, जिला मंत्री शिव पूजन राजभर, विनय पाण्डेय, सोशल मीडिया सह संयोजक दीपक तिवारी, भाजपा नेता ओम प्रकाश तिवारी, वैभव संगवानी, शिव पूजन वर्मा, सुधांशु त्रिपाठी, डाक्टर पूनम राय, दिनेश चौधरी  आदि उपस्थित रहे।

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