तमाम जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी नहीं बच रही लोंगो की जान यूपी के विभिन्न जिलों में बीते दिनों कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है, इसके अलावा 100 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल होकर जिला अस्पताल पहुंच चुके हैं। सरकार की तमाम दिशा निर्देश के बावजूद यूपी के विभिन्न शहरों में चाइनीज मांझे की बिक्री जोर सोर से चल रही है। जानकार बताते हैं कि चाइनीस मांझे पर लोहे व शीशे का बुरादा लगाकर चिकन बनाया जाता है जिससे यदि शरीर के किसी भी हिस्से पर फस जाए तो काटना स्वाभाविक है ।
अम्बेडकनगर नगर। चायनीज मांझे से दो लोग घायल अस्पताल में चल रहा इलाज।
चाइनीज मांझे के बिक्री पर रोक के बावजूद अंबेडकर नगर जनपद में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है जिससे आए दिन किसी न किसी को या तो अपनी जान गंवानी पड़ती है या तो गंभीर रूप से घायल हो जाता है बुधवार को नगर के रेलवे ओवर ब्रिज पर बाइक सवार अकबरपुर के मीरानपुर निवासी अहमद हुसैन बाइक से अकबरपुर तहसील जा रहे थे कि अचानक पतंग काटने के बाद चाइनीज मांझा चेहरे को चीरता हुआ लहूलुहान कर दिया आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया इसके अलावा लोरपुर निवासी सोनू को भी चाइनीज मांझे ने बुरी तरह से घायल कर दिया। प्रशासन भी किसी बड़े हादसे के बाद ही नींद से जगती है। हर साल जनवरी में ही इसकी बिक्री बढ़ जाती है ऐसे में अगर प्रशासन पहले से ही अभियान चलाकर चायनीज मांझे की बिक्री पर रोक लगाए तो लोगों की जान बचाई जा सकती है।
अम्बेडकरनगर जिले में चल रहा चाइनीज मांझे का अवैध कारोबार सड़कों पर मौत को दावत दे रहा है।
हाइवे पर चाइनीज मांझा के चपेट में आने से एक मोटरसाइकिल सवार युवक का गला कट गया।
गला कटने से घायल युवक की तड़फ-तड़फ कर मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया है।
बसखारी थाना क्षेत्र निवासी गौतम रविवार की शाम को अपनी बहन को लेकर मोटरसाइकिल से उसके घर छोड़ने जा रहा था।
नहीं रुक रहा चाइनीज मांझे की बिक्री
समाजसेवी अनंतराम ने बताया कि आखिर कैसे हो रहा है चायनीज मांझे की बिक्री जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी क्यों नहीं ले रहे हैं एक्शन। वहीं लोगों से अपील की गई कि बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग जरूर करें जिससे कि बड़ी घटना होने से बचा जा सके।
मेरठ- अब्दुल वाहिद मंगलवार शाम करीब पांच बजे बेटी इसरा को गोद में लेकर पैदल मोहल्ले में ही दुकान पर जा रहे थे। घर से कुछ दूरी पर चीनी मांझा लहराया हुआ आया और एक झटके से बच्ची की गर्दन कट गई। बच्ची की चीख निकली तो पिता को इसका पता चला। वहीं पीछे से आई स्कूटी में चीनी मांझा उलझ गया। उसने बेटी की गर्दन में फंसे मांझे को किसी तरह निकाला। तब तक बच्ची खून से लथपथ हो चुकी थी। परिजन बच्ची को पास के दयानंद अस्पताल लेकर पहुंचे। बच्ची की गर्दन देख कर डॉक्टरों ने उसे तुरंत रेफर कर दिया। इसके बाद जसवंत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया। चाचा कामिल सैफी ने बताया कि बच्ची की गर्दन पर 35 टांके लगाने पड़े हैं। उसकी हालत गंभीर बनी है।
कटी पतंग ने काट दी युवक की जिंदगी चाइनीस माझा से कटा युवक का गला मौके पर हुई मौत
प्रदेश में लगभग 100 से अधिक लोगों की जान चाइनीज मांझे ने ले ली है, जबकि वहीं हजारों की संख्या में लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं।
बताते चलें कि 2021 में अंबेडकर नगर जनपद के बसखारी थाना क्षेत्र के बजदहिया के गौतम कुमार अपनी बहन को छोड़ने घर जा रहा था की बसखारी टांडा हाईवे के निकट चाइनीज मांझा गौतम के गले में फंस गया जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। जब तक लोग कुछ समझ पाते वह अपनी बहन की गोद में तड़प तड़प कर जान गवां दी।
हवा में उड़ रही मौत संभल के चले चाइनीस मांझे ने काटा कई लोगों का गला
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संभल। चाइनीज मांझे से गला काटने से 4 वर्षीय एक बच्चे सहित चार लोगों की मौत हो गई ।
जीवी के ईएमआरआई जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि 2023 में 1 दिन में 3707 लोगों ने आपातकालीन कॉल कर सहायता मांगी थी, जबकि 2024 में 1 दिन में 3362 कॉल आई थी।
एक पत्रिका में प्रकाशित लेख में बताया गया है कि चाइनीस माझा खरीदने पर बेचे वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है। बावजूद इसके धड़ल्ले से चाइनीज मांझे का कारोबार प्रदेश के विभिन्न शहरों में फल फूल रहा है। हर साल जनवरी में मकर संक्रांति के पर्व पर पतंग उड़ाने की परंपरा है। एक तरफ आसमान पर उड़ती रंग बिरंगी पतंगे जहां लोगों को खुशियां देती हैं तो वही दूसरी तरफ लोगों की जान पर भी बन आती हैं प्रशासन की सख्ती के बावजूद प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का इस्तेमाल व बिक्री जारी है। यह मांझा इतना खतरनाक है कि शरीर के किसी भी अंग पर यह लिपट जाए तो जान लेकर ही पीछा छोड़ेगी।
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