अंबेडकर नगर। जिला कारागार में निरुद्ध कैदियों से मिलने के लिए उनके परिजनों को विशेष छूट शासन द्वारा स्वीकृत प्रदान की गई है। जिला कारागार अधीक्षक ने बताया कि कुछ विशेष शर्तों के साथ परिजन अब बंद कैदियों से मुलाकात कर सकते हैं साथ ही पिछले कई महीनों से लाल डाउन के चलते मुलाकात नहीं हो पा रही थी इसी क्रम में 15 अगस्त के आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर शासन द्वारा यह स्वीकृति प्रदान की अब कैदियों के परिजन उनसे जिला कारागार में विशेष छूट के तहत मुलाकात कर सकते हैं।
आपको बता दें कि अंबेडकर नगर जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों से अब उनके परिजन कुछ शर्तों के साथ मुलाकात कर सकते हैं। यह जानकारी जिला कारागार की अधीक्षक, श्रीमती हर्षिता मिश्रा द्वारा दी गई। उन्होंने बताया कि, प्रदेश की समस्त जेलों में लौकडाउन के समय से अब तक सुरक्षा कारणों से मुलाकात बंद थी‚ जिसके कारण कोई भी बंदी अपने परिजन से मिल नहीं पाता था। आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि कारागार में निरूद्ध बंदियों की उनके परिजनों से मुलाकात दिनांक 16-08-2021 से कुछ नियमों व शर्तों के अधीन कराए जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है।
जिला कारागार में बंदियों से मिलने के लिए नियम व शर्ते
कोरोना वायरस की वजह से हुए लाक डाउन के तीसरे चरण में मिली छूट जेलों में बंद सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदियों के लिये भी अच्छी खबर लेकर आई है। केंद्रीय कारागार के सभी जेलो में मुलाकात की प्रक्रिया दोबारा शुरू होगी। कुछ वैधानिक प्रतिबंधों के साथ सोमवार से प्रदेश के सभी कारागार में अनिरुद्ध सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदियों से मुलाकात पर लगा प्रतिबंध वापस ले लिया गया है। जेल प्रशासन ने आपसी सहमती से यह निर्णय लिया है कि मंगलवार से विचाराधीन बंदियों कि उनके परिजनों से सप्ताह में एक बार मुलाकात कराई जाएगी और सजायाफ्ता कैदियों से हर 15 दिन में उनके एक बार परिजन मिल सकेंगे। इसमें कुछ शर्तें भी लागू की गई हैं मसलन एक कैदी से हफ्ते/15 दिन में एक बार एक ही व्यक्ति मुलाकात कर सकता है। पहले यह संख्या 3 थी, लेकिन कोरोना संक्रमण को ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंस और सेनेटराइजिंग का अनुपालन कराने में कोई दिक्कत न आए। इसलिए जेल प्रशासन ने तीन की जगह एक मुलाकाती की उसके जेल में बंद परिजनों से मुलाकात कराने का निर्णय लिया है।
जेल अधीक्षक द्वारा नियमों की जानकारी देते हुए बताया गया कि, कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सावधानियां, यथा- सामाजिक दूरी, फ़ेस मास्क, सेनेटाइज़ेशन, थर्मल स्कैनिंग व मुलाकात से पूर्व 72 घंटे के अंदर की गई RTPCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्यतः प्रस्तुत करनी होगी। अन्य पहचान पत्र जैसे आधारकार्ड, मत दाता पहचान पत्र आदि पूर्ववत रहेंगे। विचाराधीन बन्दी सप्ताह में एक बार तथा सिद्धदोष बन्दी माह में दो बार अब मुलाक़ात कर पाएंगे।
श्रीमती मिश्रा द्वारा यह भी बताया गया कि इतने दिनों के बाद 75वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर यह खुशखबरी सुनकर बंदियों के चेहरे खिल गए, और उनमें उल्लास भर गया।
कैदियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कराया जा रहा योगाभ्यास
वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से लडने की क्षमता बढ़ाने के लिए जेल के अंदर कैदियों को रेगुलेरिटी के आधार पर योगाभ्यास कराया जा रहा है। इन कैदियों को अलग-अलग जगहों पर प्रशिक्षित योग गुरुओं के जरिए सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ध्यान, भस्त्रिकासन, पवनमुक्तासन, हलासन, मयूरासन, सर्वांगासन आदि का अभ्यास कराया जा रहा है, ताकि वह शारीरिक और मानसिक रूप से तंदुरुस्त रहें और उनका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बना रहे। ये योगाभ्यास सुबह 5 बजे से 7 बजे तक कराया जाता है।
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