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Monday, August 2, 2021

अंबेडकर नगर लोहिया भवन परिसर में अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण।

अंबेडकरनगर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में लोहिया भवन सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम की बैठक आहूत की गई अधिकारियों कर्मचारियों को   एलईडी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया

प्रशिक्षण में मौजूद लोग

प्रशिक्षण में मौजूद अधिकारी व कर्मचारी

जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन प्रशिक्षण के दौरान संबोधित करते

गौरतलब है कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं सूचना का अधिकार नियमावली 2015 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन के आदेश के अंतर्गत आज दिनांक 2 अगस्त 2021 को प्रातः 10:00 बजे से शाम 2:30 बजे तक मुख्य वक्ता श्री राजेश मेहतानी द्वारा लोहिया भवन ऑडिटोरियम में प्रशिक्षण दिलाया गया। मुख्यवक्ता श्री राजेश मेहतानी द्वारा अधिनियम का उद्देश, प्रावधान व प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है अर्थात् देश के प्रत्येक नागरिक को किसी भी विषय पर अपनी स्वतंत्र राय रखने और उसे अन्य लोगों के साथ साझा करने का अधिकार है, परंतु कई स्वतंत्र विचारकों का सदैव मानना रहा है कि सूचना और पारदर्शिता के अभाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई महत्त्व नहीं रह जाता। सूचना का अधिकार भारत जैसे बड़े लोकतंत्रों को मज़बूत करने और उनके नागरिक केंद्रित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैश्विक स्तर सूचना के अधिकार को एक नई पहचान तब मिली जब वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (Universal Declaration of Human Rights) को अपनाया गया। इसके माध्यम से सभी को मीडिया या किसी अन्य माध्यम से सूचना मांगने एवं प्राप्त करने का अधिकार दिया गया। अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थॉमस जैफरसन के अनुसार, “सूचना लोकतंत्र की मुद्रा होती है एवं किसी भी जीवंत सभ्य समाज के उद्भव और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। भारतीय लोकतंत्र को मज़बूत करने और शासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से भारतीय संसद ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 लागू किया। प्रशिक्षण के दौरान जिलाधिकारी महोदय ने अपने संबोधन में कहा कि सूचना का अधिकार सूचना तक पहुंच का अधिकार समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सार्वजनिक नीतियों और कार्यों के बारे में जानकारी मांगने और प्राप्त करने हेतु सशक्त बनाता है जिससे उनका कल्याण संभव हो सके। उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम का उद्देश्य पारदर्शिता लाना, जवाबदेही तय करना, नागरिकों को सशक्त बनाना, भ्रष्टाचार पर रोक लगाना, लोकतंत्र की प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। प्रशिक्षण के दौरान मौके पर पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी, मुख्य विकास अधिकारी घनश्याम मीणा, अपर जिलाधिकारी डॉ पंकज कुमार वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक संजय राय, जिला विकास अधिकारी विरेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक राकेश प्रसाद, अतिरिक्त उप जिलाधिकारी भरत लाल सरोज, जिला सूचना अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी, समस्त उपजिलाधिकारी तथा जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। 

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