अम्बेडकरनगर। घाघरा नदी दिन प्रीतिदिन खतरे के निशान से ऊपर ही जा रही है जिससे कि आसपास के ग्रामीणों को भय सताने लगी है। उधर प्रशासन का कहना है कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शनिवार को घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 92.730 से 30 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया है। यही बाढ़ नियंत्रण अधिकारी का कहना है कि नदी के बढ़ते जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
जानकारी के अनुसार शनिवार को घाघरा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के ग्रामीणों के माथे पर संभावित बाढ़ को देखते हुए चिता सताने लगी हैं। घाघरा नदी के जलस्तर में शनिवार को चार सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। शुक्रवार सायं नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 26 सेंटीमीटर ऊपर दर्ज किया गया था। शनिवार सायं यह बढ़कर 93.030 मीटर पर पहुंचकर स्थिर हो गया। टांडा तहसील के मांझा उल्टहवा, मांझा कला, मांझा चितौरा, केवटला, नसरूल्लापुर, अवसानपुर, नैपुरा, सलोना घाट, ढेलमऊ, डुहिया आदि गांव के बाढ़ प्रभावित ग्रामीण घाघरा के बढ़ते जलस्तर पर नजर गड़ाए हैं। महरीपुर में घाघरा आबादी से सटकर बह रही है। मुबारकपुर कालीघाट का भी यही हाल है। यहां भी घाघरा का पानी खेतों से सटकर बह रहा है। मांझा क्षेत्र में बसे गांवों की तरफ नदी का पानी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है।
वही मांझा उल्टहवा में जलस्तर और बढ़ा तो समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। नदी उफान पर होने के बावजूद बाढ़ खंड के अधिकारी-कर्मचारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं। बाढ़ के बावत जानकारी के लिए इन्हें फोन करने पर जवाब नहीं मिल रहा है। बाढ़ खंड के सहायक अभियंता पीयूष कुमार गौड़ से वार्ता करने का प्रयास किया गया। दिन में कई बार फोन मिलाने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया। उपजिलाधिकारी अभिषेक पाठक ने बताया कि घाघरा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी पूरी है।
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