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Sunday, September 5, 2021

अम्बेडकरनगर। इस बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व दिव्यांग करेंगे पोस्टल बैलट से मतदान

अम्बेडकरनगर। जिले के दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाताओं के लिए खुशखबरी है। किन्हीं कारणों से इस तरह के जो मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह जाते थे, उनके लिए इस बार निर्वाचन आयोग पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान करने की सुविधा प्रदान करने की तैयारी में जुट गया है। पहले यह सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को दी जाती थी। लेकिन अब 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व दिव्यांग फॉर्म 12 डी भरने के बाद पोस्टल बैलेट पेपर से मतदान का लाभ उठा सकेंगे। निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से जिले के करीब 63 हजार बुुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं को इसका लाभ मिल सकेगा। ऐसे में मतदान के लिए उन्हें अब बूथों पर जाने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि घर से ही वे अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर डाक के माध्यम से अपना मत पत्र निर्वाचन विभाग को प्रेषित कर सकेंगे। इसके लिए जिले में निर्वाचन विभाग ने आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है।

लोकतंत्र की मजबूती का आधार जन सहभागिता है। निर्वाचन विभाग इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। लोकसभा व विधानसभा समेत अन्य चुनावों में अधिकाधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए निर्वाचन आयोग तरह-तरह की सुविधाएं व रियायतें भी प्रदान कर रहा है। इसी कड़ी में अब विभाग ने बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं की सुविधाओं को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। आयोग 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व शारीरिक रूप से दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट पेपर से मतदान करने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है।

आयोग के निर्देश पर जिले में ऐसे मतदाताओं के चिह्नीकरण का कार्य भी लगभग पूरा किया जा चुका है। जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक जिले में 80 वर्ष से अधिक उम्र के 50 हजार बुजुर्ग व 12 हजार 945 दिव्यांगों को चिह्नित किया गया है। ऐसे में यदि यह मतदाता बूथों पर मतदान करने के लिए जाने में असमर्थ हैं, तो उन्हें फॉर्म 12 डी पर आवेदन करना होगा। यह फॉर्म भरने के बाद संबंधित चुनाव में मतदाताओं को पोस्टल बैलेट पेपर मुहैया कराया जाएगा। वह मतदान के बाद डाक के जरिए अपना मत पत्र निर्वाचन विभाग कार्यालय को भेज सकेंगे।

निर्वाचन आयोग के इस निर्णय पर जिले के बुजुर्गों व दिव्यांगों ने खुशी भी जतायी है। कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए प्रत्येक नागरिक का मतदान जरूरी है। दिव्यांग व बुजुर्गों को जब इस तरह की सुविधाएं मिलेंगी तो न सिर्फ मतदान प्रतिशत बढ़ेगा, बल्कि लोकतंत्र में जन सहभागिता भी बढ़ेगी। इससे सरकार के गठन में और पारदर्शिता भी आएगी और देश व जनता को इसका लाभ भी मिलेगा। लोकतंत्र का मूल उद्देश्य ही है कि वह देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान करे। नागरिकों ने इसे प्राथमिकता पर लागू किए जाने की मांग भी की। कहा कि बुजुर्गों व दिव्यांगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में काफी आसानी होगी।

पहले सिर्फ कर्मचारियों को मिलती थी सुविधा

पोस्टल बैलट पेपर से मतदान करने की सुविधा सरकारी कर्मचारियों को मिलती थी। अलग-अलग प्रांतों में पोस्टिंग होने के चलते कर्मचारी अपने क्षेत्र में होने वाले चुनावों में हिस्सा नहीं ले पाते हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग उन्हें पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए मतदान करने का अवसर प्रदान करता है। लोकतंत्र के महापर्व में अधिकाधिक मतदाताओं की भागीदारी हो, इसके लिए शारीरिक रूप से अक्षम मतदाताओं के लिए बड़ी पहल की है। आयोग 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों व दिव्यांग मतदाताओं को अब पोस्टल बैलेट पेपर के जरिए घर से ही मतदान करने की सुविधा प्रदान करने जा रहा है। आयोग के इस प्रयास से बुजुर्ग व दिव्यांग मतदाताओं में उत्साह का माहौल है।

उधर अपर जिलाधिकारी डॉ पंकज कुमार वर्मा ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बुजुर्गों व दिव्यांगों के चिह्नीकरण का कार्य चल रहा है। अधिसूचना जारी होने के बाद बुजुर्ग व दिव्यांग अपना आवेदन कर सकेंगे। इसके बाद उन्हें निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार पोस्टल बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान की जाएगी।

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