अम्बेडकरनगर। कृषि कानून वापस लिए जाने समेत किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं के निस्तारण को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट के निकट विरोध पंचायत का आयोजन किया। मांग की गयी कि कृषि कानून वापस लेकर अन्य समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर कराया जाए। पंचायत के माध्यम से चेताया गया कि यदि शीघ्र उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हुआ, तो किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन को बाध्य होंगे।
जिला मुख्यालय पर अपनी समस्याओं को लेकर प्रदर्शन करने भाकियू |
पंचायत की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष विनय कुमार वर्मा ने कहा कि मौसम की मार झेल रहे किसान मौजूदा समय में कई अन्य तरह की मुश्किलों का भी सामना कर रहे हैं। लगातार बढ़ती महंगाई के कारण किसानों के लिए लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। किसान नेता भागीरथी, रणजीत व रामनेवल ने कहा कि छुट्टा जानवर खेतों में खड़ी फसल को नष्ट कर रहे हैं। अतिवृष्टि के चलते किसानों की फसल नष्ट हो गई। सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। ऐसे में प्रभावित किसानों के नुकसान का आंकलन कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।
अम्बेडकरनगर। कूड़ा निस्तारण न होने से नाराज हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट के निकट विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। इसमें चेताया गया कि यदि शीघ्र ही उनकी न्यायोचित मांगों का निस्तारण नहीं हुआ, तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
ज्ञापन में बताया गया कि नगर पंचायत किछौछा प्रशासन द्वारा क्षेत्र का कूड़ा जगह जगह खुले में डाला जा रहा है। इससे उठने वाली दुर्गंध से संक्रामक रोगों के फैलने का अंदेशा भी मंडराने लगा है। इसे परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए लगातार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे।
विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हिंदू मंच के जिलाध्यक्ष हनुमंत सिंह ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा जहां एक तरफ साफ सफाई पर जहां जोर दिया जा रहा है, वहीं इसे लेकर नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा द्वारा पूरी तरह लापरवाही बरती जा रही है। ज्ञापन के माध्यम से कूड़े को नगर के बाहर डलवाने अथवा गड्ढा खोदकर उसमें डाले जाने की मांग भी की गयी है।
अम्बेडकरनगर। टांडा के महरीपुर गांव में नवयुवक रामलीला समिति द्वारा किए जा रहे मंचन के चौथे दिन कलाकारों ने सीता स्वयंवर व परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन किया। भगवान राम के धनुष तोड़ने पर जनकनंदिनी सीता राम के गले में वरमाला डाल उनका वरण करतीं हैं। दर्शकों ने राम और सीता पर फूलों की वर्षा करते हुए जयकारे लगाए। परशुराम और लक्ष्मण के बीच हुए तीखे संवाद का भी लोगों ने खूब आनंद लिया।
समिति अध्यक्ष सुभाष चंद्र कश्यप की अगुवाई में किए जा रहे मंचन में कलाकारों ने प्रथम ²श्य में दिखाया कि राजा जनक अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप स्वयंवर रखते हैं, इसमें देश भर के राजा, महाराजा, राजकुमार और योद्धा शामिल होते हैं। स्वयंवर में पहुंचे राजाओं को धनुष उठाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। सभी शिव धनुष को उठाने का प्रयास करते हैं, लेकिन वे इसे हिला तक नहीं सके। यह देख राजा जनक सभी राजाओं की वीरता पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। इसे सुन लक्ष्मण क्रोधित हो उठते हैं। महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा से राम धनुष उठा कर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाते हैं, धनुष टूट जाता है। राम के गले में सीता के वरमाला डालते ही भक्तों ने फूलों की वर्षा की। दर्शकों ने जय श्रीराम के उदघोष से पूरा माहौल भक्तिमय बना दिया। शिव धनुष टूटने से क्रोधित परशुराम और लक्ष्मण के मध्य तीखे संवाद का भी लीलाप्रेमियों ने खूब आनंद लिया। इस दौरान बृजेश मांझी सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
महरुआ। क्षेत्र के सिलावट गांव में चल रही रामलीला के चौथे दिन सीताहरण व सूर्पणखा की नाक काटने का मंचन किया गया। पंचवटी में सूर्पणखा राम लक्ष्मण को लुभाती हैं। लक्ष्मण क्रोधित होकर उसकी नाक काट देते हैं। इस पर वह बदला लेने के लिए अपने भाई खर दूषण के पास जाकर सारी घटना को बताती है तो दोनों भाई राम लक्ष्मण से बदला लेने के लिए चल पड़ते हैं लेकिन युद्ध में खर, दूषण के युद्ध में मारे जाने पर रावण को अपनी व्यथा सुनाती है और सीताहरण करने के लिए उकसाती है। रावण मारीच की मदद से षड्यंत्र रचता है और मां सीता का हरण कर लेता है। रास्ते में जटायु उसे रोकता है, लेकिन रावण उसे घायल कर लंका की ओर आगे बढ़ जाता है।
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