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Monday, October 18, 2021

अम्बेडकरनगर। विश्व छात्र दिवस के रूप में मना आजादी का अमृत महोत्सव

 अम्बेडकरनगर। आजादी का अमृत महोत्सव मनाये जाने के क्रम में श्री पद्म नारायण मिश्र, माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार आज दिनांक 18.10.2021 को रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, अकबरपुर अम्बेडकरनगर में विश्व छात्र दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर का


आयोजन कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत सावधानीपूर्वक किया गया। इस विधिक साक्षरता शिविर में सुश्री प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर, प्रो० शेफाली सिंह, प्राचार्या, रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालय, श्री जयप्रकाश यादव तहसीलदार, अकबरपुर, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

गौरतलब है कि शिविर को सम्बोधित करते हुये सुश्री प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर ने बताया कि दुनियाभर में हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है, यह दिवस भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में मनाया जाता है, संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस घोषित किया था। 15 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने शिक्षा को बढ़ावा देने की कोशिशों के लिये डॉ० ए०पी० जे० अब्दुल कलाम के 79वे जन्मदिवस पर विश्व छात्र दिवस मनाने का एलान किया डॉ० कलाम छात्रों के लिये रोल मॉडल थे, उनका जीवन छात्रों के लिये प्रेरणा था कि कैसे एक वंचित और गरीब परिवार का लड़का कुछ ऐसा कर सकता है कि जिससे पूरे देश का उसपर नाज़ हो एवं पूरे विश्व में उसका नाम हो, उन्होंने अपने भाषणों, लेखनी और किताबों से हजारों छात्रों को प्रोत्साहित किया। इसके बाद प्रत्येक वर्ष उनकी जयंती को पूरा विश्व विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाता है। छात्र देश का भविष्य हैं,


इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि उनके लिये समर्पित इस दिन को मनाया जाये और छात्रों की प्रशंसा की जाये. इस दिन डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम और उनके जीवन से सम्बन्धित प्रेरणादायक कहानियों से छात्रों को रूबरू कराया जाता है और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया जाता है विश्व छात्र दिवस का उद्देश्य छात्रों को महत्व देना और समाज में उनके महत्व को समझना है। अपने पूरे वैज्ञानिक एवं राजनीतिक जीवन में डॉ० कलाम ने खुद को शिक्षक समझा। जब वह छात्रों को संबोधित करते थे तो उनको काफी संतुष्टि मिलती थी। छात्रों एवं शिक्षा के प्रति उनका विशेष लगाव रहा. उनका जीवन दुनिया भर के लाखों-करोड़ों छात्रों के लिये प्रेरणा रहा एवं सदियों तक रहेगा। "आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक


सवा प्राधिकरण, तहसील विधिक सेवा समिति एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के विद्वान अधिवक्तागण, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाज सेवी संस्थाओं इत्यादि के सहयोग से देश भर में इस अवसर पर प्रत्येक नगर, कस्बों व गांव में विधिक सेवा गतिविधियों के सम्बन्ध में डोर-टू-डोर कैम्पेन तथा शिविर के माध्यम से व्यापक जागरूकता फैलाने एवं विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित विधिक सहायता योजनाओं से सभी आमजन को अवगत कराने तथा स्थल पर लाभार्थियों को कल्याणकारी शासकीय योजनाओं से लाभान्वित एवं जागरूक करने के में आज दिनांक 6.10.2021 को जनपद की समस्त तहसीलों प्रमुख स्थानों पर विद्यालयों, महाविद्यालयों में विकासखण्डों में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों आशा बहु, पराविधिक स्वयं सेवको सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि के सहयोग से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विधिक जागरूकता शिविर एवं कार्यशाला आयोजन एवं डोर टू डोर कैम्पेन कर एवं एन0सी0सी एवं एन०एस०एस० छात्रों द्वारा जागरूकता रैलियां आयोजित कर पम्पलेट वितरण कर जनपदवासियों को विधिक गतिविधियों से जागरूक किया गया एवं जनपद के विभिन्न ग्रामीण एवं नगरीय स्थानों पर जिला सूचना विभाग के समन्वय से मोबाइल चैन, एल0ई0डी0 स्क्रीन द्वारा वीडियो क्लिप प्रसारण के माध्यम से आमजन को विधिक सेवाओं के सम्बन्ध में जागरूक किया गया तथा जन शिक्षण केन्द्र, कुटियवा, बेवाना, अम्बेडकरनगर द्वारा विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर जनपद के आमजन को विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के सम्बन्ध में अवगत कराया गया।

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