बाहर लिखा है जन औषधि केंद्र पर दवाएं खत्म हैं।
अम्बेडकरनगर। सरकार की मंशा अनुरोध जिले में जन औषधि केंद्र का संचालक बेहतर ढंग से गरीबों का इलाज किए जाने के लिए खुलवाया गया है। लेकिन अब स्थिति यह है कि जन औषधि केंद्र दिन प्रतिदिन उपेक्षा व बदहाली का शिकार होते जा रहा है। अंबेडकरनगर मुख्यालय पर संचालित जन औषधि केंद्र पर ताला लटक रहा है जहां एक तरफ आम आदमी कम पैसों में बेहतर इलाज कराने के लिए जन औषधि केंद्र का सहारा ले रहा है तो वही जन औषधि केंद्र पर ताला लटका हुआ है वह बाहर एक लिखा हुआ है। की दवाई खत्म है ऐसी स्थिति में मरीजों को दवा कैसे उपलब्ध हो सके। जन औषधि केंद्र पर दवाएं न होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। जन औषधि केंद्र पर दवाएं न होने के कारण मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।
केंद्र सरकार ने गरीबों को सस्ती दवाएं दिलाने के लिए हर जिले में जन औषधि केंद्र खुलवाया था। जन औषधि केंद्र खुलने के बाद सरकार द्वारा खूब प्रचार प्रसार किया गया, लेकिन अब ये औषधि केंद्र शोपीस बनकर रह गया है। जिला अस्पताल में खुले जन औषधि केंद्र पर दवा न होने के कारण अक्सर यह बंद रहता है, जिससे यहां कम रेट पर दवा मिलने की आस लगाए लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा रहा है।
जन औषधि केंद्र पर सस्ते दर पर उपलब्ध होती है दवाएं
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर बाजार भाव से लगभग पांच गुना काम दाम पर जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराए जाने की योजना सरकार की थी। इन दवा दुकानों पर सरकार की तरफ से बाजार भाव से करीब 6 गुना कम रेट पर 600 तरह की जेनरिक दवाएं बिक्री को मुहैया कराई जाती हैं, जिससे आम लोगों को महंगी दवाएं कम दाम पर मिल सकें, लेकिन जिला अस्पताल में औषधि केंद्र कुछ दिन चलने के बाद अक्सर अब बंद रहता है और खुलता भी है तो इस पर अधिकतर दवाएं रहती नहीं है। जिससे प्रधानमंत्री की गरीबों को सस्ते में दवा देने की महत्वपूर्ण योजना हवा हवाई साबित हो रहा है। केंद्र संचालन अमित शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों से दवा न होने के कारण दुकान बंद है। जैसे ही दवा की आपूर्ति हो जाएगी, उसके बाद दुकान खुलने लगेगा।
इसे भी पढ़ें अम्बेडकरनगर। अयोध्या से बसखारी वाया आजमगढ़ फोरलेन हाईवे के निर्माण कार्य कर रही कांट्रैक्शन कम्पनी व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से कभी भी बडी सडक दुर्घटना घट सकती है । हाईवे बनाने के लिए हो रहे कांट्रैक्शन कार्य मे सडक के किनारे तक खोद कर मिट्टी निकालने के बाद गहरी खाई बन गई है । फिर भी कार्य करने वाली उपरोक्त कम्पनी व विभाग के अधिकारियों ने खुदाई कार्य वाले स्थल पर सुरक्षा पट्टी नहीं लगाई गई है । जिससे कभी भी रात के अंधेरे में सडक पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के थोडी सी साइड लेने मे चूक होने पर वह सडक के किनारे खुदे गड्ढे में जा कर पलट सकता है । और बडी जन हानि हो सकती है । चीनी मिल मिझौडा के चालू हो जाने से सडको पर दौड़ने वाली ओवर लोड ट्रैक्टर ट्रालियां हो या फिर रात के अंधेरे में नियम विरुद्ध ढंग से पुलिस व परिवहन विभाग की लापरवाही से चलने वाले विना लाइट वाले वाहन हो वे सब खाई की चपेट में आकर दुर्घटना ग्रस्त हो सकते हैं । अमूमन जंहा पर ऐसे कार्य होते हैं वंहा पर सडक पर चलने वाले वाहनों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए ऐसे स्थलों को रेडिएम पट्टी से घेर दिया जाता है । और सडक के किनारे प्लास्टिक बोरियों में मिट्टी भर कर लगा दी जाती है । जिससे आनें जाने वाले वाहन चालक पहले से सचेत हो जाते हैं और दुर्घटना से बचा जा सकता है । यहीं नहीं खतरा वाले स्थानों पर सावधानी के लिए कार्य प्रगति पर है, कृपया धीरे चलें आदि के बोर्ड लगाए जातें हैं । इसके अलावा अन्य संकेत संबोधित सूचना पट लगा दिए जाते हैं। लेकिन यंहा पर अहिरौली थाना के पश्चिम व खेमापुर गांव के पास सडक के किनारे गहरी मिट्टी की खुदाई के बाद भी दुर्घटना से बचने संबंधी कोई उपाय नहीं किया गया है। इसके बारें में विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई किन्तु उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ । Ambedkar Nagar. A major road accident can happen anytime due to the negligence of the officials of the Contractor Company and Public Works Department, who are working on the construction work of Azamgarh Fourlane Highway from Ayodhya to Baskhari. In the construction work being done to build the highway, a deep ditch has been formed after digging the soil till the edge of the road. Still, the officials of the above mentioned company and department have not installed security belt at the site of excavation work. Due to which, in the dark of night, if there is a mistake in taking a little side of the fast moving vehicles on the road, it can go into the pit dug on the side of the road and overturn. And there can be great loss of life. Whether it is overloaded tractor trolleys running on the roads due to the commissioning of sugar mill Mijhoda, or vehicles with no lights running in the dark of night in a negligent manner by the police and the transport department, they all fall in the grip of the ditch and suffer accidents. can be. Usually, where such works are done, keeping in view the safety of the vehicles plying on the road, such places are surrounded by radium strips. And on the side of the road, plastic sacks are filled with soil. Due to which the oncoming drivers are alerted in advance and accidents can be avoided. Not only this, work is in progress for caution at dangerous places, please go slow etc. Boards are put up. In addition, notice boards addressed to other signs are put up. But here, even after digging deep soil on the side of the road near Ahiroli police station and Khemapur village, no measures have been taken to avoid the accident. Efforts were made to contact the officials of the department regarding this but their mobile phone was not received.
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