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Monday, January 24, 2022

जलालपुर से सपा विधायक सुभाष राय ने थामा भाजपा का दामन

अम्बेडकरनगर। समाजवादी पार्टी के विधायक रहे जलालपुर क्षेत्र से सुभाष राय भाजपा भाजपा में हुए शामिल बताते चलें कि कई दिनों से इस पर चर्चा का विषय बना हुआ था की समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद राकेश पांडे के शामिल होने के बाद टिकट की दावेदारी बढ़ गई थी जिसके चलते हैं आज प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री के साथ भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की इस से यह साफ हो जाता है कि लगभग अब भारतीय जनता पार्टी से जलालपुर की प्रत्याशी के तौर पर विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में सुभाष राय आ सकते हैं। एक तरफ जहां सभी पार्टियों में टिकट फाइनल करने के लिए उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने-अपने समीकरण दुरुस्‍त करने और टिकट पक्‍का करने को लेकर नेताओं के दलबदल का सिलसिला लगातार जारी है। ताजा मामला अम्‍बेडकरनगर जिले की जलालपुर सीट से सपा विधायक सुभाष राय का है जिन्‍होंने सपा छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। सुभाष राय ने सोमवार को नई दिल्‍ली स्थित भाजपा मुख्‍यालय में प्रदेश अध्यक्ष स्‍वतंत्रदेव सिंह, डिप्‍टी सीएम केशव मौर्य और डा. दिनेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्‍यता ली

भाजपा की सदस्यता लेते जलालपुर विधायक सुभाष राय

इस मौके पर प्रदेश अध्‍यक्ष स्‍वतंत्र देव सिंह ने सुभाष राय का स्‍वागत करते हुए कहा कि इनकी भाजपा में घरवापसी हुई है। सुभाष राय पहले भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चे में रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुभाष राय के भाजपा में आने से पार्टी मजबूत होगी। प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान कानून के राज के चलते शांति, राष्‍ट्रवाद और विकास की बयार को देखते हुए सुभाष राय ने भाजपा की सदस्‍यता ग्रहण की है। स्‍वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि सुभाष राय का जमीनी स्‍तर पर प्रभाव है। वह दलितों-पिछड़ों के लिए लगातार काम करते रहें हैं।

वर्ष 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर रितेश पांडेय विधायक चुने गए थे। बाद में वह बसपा से ही लोकसभा सदस्य चुन लिए गए। उपचुनाव में यहां से सपा के सुभाष राय जीत गए। अब विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सांसद रितेश पांडेय के पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय ने सपा ज्‍वाइन कर ली है। वह वर्ष 2002 में सपा के ही टिकट पर जलालपुर से विधायक भी रह चुके हैं लेकिन बाद में बसपा में शामिल होकर सांसद का चुनाव लड़े और जीते थे। एक बार फिर उनके सपा में शामिल होने से जलालपुर से उनका टिकट लगभग तय माना जा रहा था। 



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