लेखपाल की गलत पैमाइश के चलते पंचायत भवन का निर्माण अधर में लटका।
सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगा ग्रहण।
अम्बेडकरनगर। जलालपुर तहसील क्षेत्र के बलुआ बहादुरपुर में जहां वर्ष 2020 में पंचायत भवन निर्माण के लिए तत्कालीन लेखपाल द्वारा सरकारी भूमि का सर्वे किया गया था, सर्वे के दौरान गांव निवासी राधेश्याम निषाद व हौसला प्रसाद पुत्र गण मुनरिका के खतौनी के बगल 19 बिस्वा बंजर जमीन मौजूद है। लेखपाल ने अपनी गलत पैमाइश से बंजर जमीन के बजाय उन लोगों की खतौनी में पंचायत भवन के लिए भूमि चिन्हित कर दिया था, उसके बाद उस जमीन पर पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया
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पंचायत भवन में ग्रामीणों ने किया कब्जा |
और छत तक लग गई, लेकिन इसी बीच जब उन लोगों को पता चला कि यह निर्माण गलत तरीके से खतौनी में हो रहा है तो वे लोग माननीय उच्चतम न्यायालय से उक्त निर्माण कार्य पर स्थगन आदेश ले लिए, जिससे काम रुक गया। इस संबंध में जिले के लगभग हर अधिकारियों ने आकर निरीक्षण किया लेकिन निराकरण आज तक नहीं हो सका। जिसके फलस्वरूप उक्त भवन पशुआश्रय स्थल और ग्रामीणों के लिए उपले पाथने का का स्थल बनकर रह गया है। माधव प्रसाद निषाद, राम उजागिर, पूर्व प्रधान रामदुलार, जियालाल निषाद, संतराम यादव, राम आशीष व सुनील वर्मा आदि ने बताया कि उन लोगों ने कई बार सक्षम अधिकारियों तथा लेखपाल से पंचायत भवन निर्माण हेतु कहीं अन्यत्र जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया जिससे लोगों को पंचायत भवन कालाभ मिल सके, और विवाद भी खत्म हो जाए। परंतु इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, 2 साल से पंचायत भवन का इंतजार कर रहे लोगों का कहना है कि यह सब लेखपाल की गलत पैमाइश का परिणाम है, जिससे ग्रामीण पंचायत भवन व उससे मिलने वाली सुविधाओं से अभी तक वंचित हैं। यदि उसी दौरान हौसला प्रसाद आदि के बगल 19 बिस्वा जो कि बंजर भूमि है, उसकी पैमाइश कर पंचायत भवन के लिए चिन्हित किया होता तो अब तक शायद पंचायत भवन बनकर तैयार हो गया होता और संभवतः लोगों को सभी सुविधाएं भी मिलने लगती।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से अविलंब मामले के निस्तारण हेतु कार्रवाई की मांग की है जिससे पंचायत भवन का उस स्थल पर न सही, कहीं अन्यत्र ही निर्माण हो सके।
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