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Sunday, January 8, 2023

क्यों होता है हार्ट अटैक।

डॉ.महेश चन्द्र  हृदय रोग विशेषज्ञ

आइये जानते हैं कुछ खास बातें।

ठंड के मौसम में क्यों होता है हार्ट अटैक का खतरा?

ठंड के मौसम में ज्यादातर शरीर का खून गाढ़ा हो जाता है जिसके कारण है रक्तचाप धीमी गति से काम करने लगता है।हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ महेश चन्द्र द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 30 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में करीब 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता जिससे कि हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण से शर्दी के महीनों में 30 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। 


ठंड के मौसम में हार्ट अटैक से बचने के सुझाव

डॉ महेश चन्द्र हृदय रोग विशेषज्ञ के द्वारा यह जानकारी दी गई कि ठंड के मौसम में यदि आप रात 10 बजे के बाद किसी भी कारण से विस्तर से उठनाहो तो कम से कम तीन मिनट का समय जरूर लगाएं क्योंकि जब हम सो रहे होते हैं तो मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है। जिसके कारण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. एस के अग्रवाल जनरल फिजीशियन 

    जनरल फिजिशियन डॉ एस के अग्रवाल बताते हैं कि जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं खास तौर से उनके लिए है कि विस्तर से उठने से पहले हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि इस मौसम में हमारे शरीर का तापमान बहुत ही कम रहता है जिसके कारण से खून गाढ़ा हो जाता है इस स्थित में   विस्तर से एकाएक उ उठकर कम से कम 3 मिनट का समय ले।

*यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?*

        यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं। 

जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।


        ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया। इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं,तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।

 क्यों है साढ़े तीन मिनट महत्वपूर्ण।

      जनरल फिजिशियन डॉ एस के अग्रवाल बताते हैं कि मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है। जिससे कि इंसान की मौत भी हो सकती है। इसलिए जब भी विस्तर से उठे तो ये उपाय जरूर करें।

   साढ़े तीन मिनिट का प्रयास जीवन बचाने का एक उत्तम उपाय है।

1. नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।

2. अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।

3. अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।

   साढ़े तीन मिनिट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

     आपके प्रियजनों को लाभ हो अतएव सजग करने हेतु अवश्य प्रसारित करे।

                

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