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Wednesday, August 18, 2021

24 सितंबर को होगा पहले चरण का मतदान, जानिए कब कहां होगी वोटिंग


बिहार में पंचायत चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई है। 24 अगस्त को इसकी अधिसूचना जारी हो जाएगी। नीतीश सरकार की कैबिनेट बैठक में पंचायत चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। 


24 सितंबर को पहले चरण का मतदान

24 सितंबर को पहले चरण का मतदान होगा। इसके बाद क्रमश: 29 सितंबर, आठ अक्टूबर, 20 अक्टूबर, 24 अक्टूबर, तीन नवंबर, 15 नवंबर, 24 नवंबर, 29 नवंबर, आठ दिसंबर और 12 दिसंबर को मतदान होगा। कैबिनट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बाढ़ क्षेत्रों में अंतिम चरणों में मतदान होंगे। गौरतलब हो कि छह पदों के लिए ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव होने हैं। इनमें मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य,  सरपंच और पंच के पद शामिल हैं। 


पंचायत चुनाव की तारीख

पहला चरण : 24 सितंबर

दूसरा चरण : 29 सितंबर

तीसरा चरण : 08 अक्टूबर

चौथा चरण : 20 अक्टूबर, 

पांचवां चरण : 24 अक्टूबर

छठा चरण : 03 नवंबर

सातवां चरण : 15 नवंबर

आठवां चरण : 24 नवंबर

नौवां चरण :  29 नवंबर

10 वां चरण : 08 दिसंबर

11 वां चरण :  12 दिसंबर 


कर्मचारियों के लिए तय किए गए काम

पंचायत आम निर्वाचन 2021 को लेकर वोटिंग कराने के लिए मतदान दल के कर्मचारियों के काम का निर्धारण कर दिया है। इस बार चुनाव में ईवीएम और बैलेट पेपर का एक साथ उपयोग किया जाएगा। इसलिए पीठासीन पदाधिकारी के साथ-साथ मतदान पदाधिकारी को अपने दायित्वों को सावधानी पूर्वक निभाने का निर्देश दिया गया है। मतदान अधिकारी के पास वोटर बूथ में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले जाएगा। पी वन निर्वाचक नामवली की चिह्नित प्रति का प्रभारी होंगे। कागजात के आधार पर निर्वाचकों की पहचान के लिए भी उत्तरदायी होंगे। इसके अतिरिक्त पी वन पंच व सरपंच पद के निमित मतपत्रों के प्रभारी के रूप में कार्य करेंगे। 


क्या-क्या हैं दायित्व

द्वितीय मतदान अधिकारी अमिट स्याही का प्रभारी होंगे। निर्वाचक की बाएं हाथ की तर्जनी का निरीक्षण करने पर स्याही लगाएंगे। पी टू मतदाताओं के रजिस्टर के प्रभारी होंगे। वोटर का हस्ताक्षर व अंगूठा का निशान मतदाता रजिस्टर पर प्राप्त करने के बाद वोटर को मतदाता पर्ची निर्गत करेंगे। इस बार चुनाव में तृतीय मतदान अधिकारी की संख्या तीन होगी। जिसमें मतदान अधिकारी तीन ए, मतदान अधिकारी तीन बी और मतदान अधिकारी तीन सी शामिल होंगे। इसमें पी थ्री ए प्लास्टिक वोटिंग स्टिक के प्रभारी होंगे। वह पी टू से पंच व सरपंच पदों से संबंधित प्राप्त मतपत्रों को मोड़ने व मत देने की प्रक्रिया से वोटरों को अवगत कराएंगे। पी थ्री बी मुखिया व वार्ड सदस्य के कंट्रोल यूनिट के प्रभारी होंगे और पी थ्री सी पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य के कंट्रोल यूनिट के प्रभारी होंगे। 


ईवीएम नहीं मिलने से पंचायत चुनाव का प्रशिक्षण अधर में, 19 फरवरी को होना है मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन


बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर ईवीएम-3 की खरीद में देरी होने के कारण चुनाव संबंधी प्रशिक्षण कार्य अधर में पड़ा है। पंचायत आम चुनाव, 2021 अप्रैल-मई में होना प्रस्तावित है किंतु ईवीएम की खरीद नहीं होने के कारण प्रशिक्षण कार्य अबतक शुरू नहीं किया जा सका है। आयोग ईवीएम की खरीद नहीं होने के कारण भारी दबाव में आ गया है। 


पंचायत आम चुनाव को लेकर सभी पंचायतों व वार्डो की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 19 फरवरी तक होना है। वहीं, चुनाव को लेकर मतदान केंद्रों के गठन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। मतदाता सूची व मतदान केंद्रों के गठन के बाद पंचायत आम चुनाव को लेकर पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ मतदाताओं का प्रशिक्षण कराया जाना है। इस प्रशिक्षण में उन्हें मल्टी पोस्ट ईवीएम के प्रयोग की जानकारी दी जानी है। जबकि ईवीएम उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती है। 


भारत निर्वाचन आयोग छह माह पहले शुरू करता है प्रशिक्षण 



विधानसभा व लोकसभा आम चुनाव के छह माह पूर्व ही भारत निर्वाचन आयोग चुनाव की तैयारी शुरू कर देता है। इसमें इवीएम की चेकिंग से लेकर प्रशिक्षण कार्य किया जाता है। ऐसे में पंचायत आम चुनाव के पूर्व ईवीएम नहीं उपलब्ध होने से प्रशिक्षण किस उपकरण से दिया जाए यह स्पष्ट नहीं हुआ है। चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार ईवीएम से चुनाव कराने के लिए सबसे पहले छह माह पूर्व इवीएम की फस्ट लेवल चेकिंग (एफएसएल) करायी जाती है। ईवीएम की एफएसएल कराने में दो माह का समय लगता है। शेष चार माह चुनाव कराने को लेकर पदाधिकारियों को कई स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। बिहार में पहली बार एक मतदाता को ईवीएम के माध्यम से छह मतों का प्रयोग करना है। इसके लिए हर हाल में मतदाताओं का प्रशिक्षण कराना आवश्यक है।  


8386 ग्राम पंचायत व 1.14 लाख वार्ड हैं 

राज्य में 8386 ग्राम पंचायत और एक लाख 14 हजार वार्ड हैं। मतदाताओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए  जिला स्तर, प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर पर हजार से अधिक इवीएम की डमी की आवश्यकता होगा। अभी तक न ईवीएम मिला है तो डमी मिलने का प्रश्न ही नहीं है। फिलहाल अगर राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम उपलब्ध नहीं होता है तो यह आशंका बढ़ रही है कि निर्धारित समय पर पंचायत चुनाव कराना चुनौती भरा साबित होगा।

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