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Monday, August 9, 2021

बनारस। में गंगा ने पार किया खतरे का निशान, निचले इलाकों में दहशत, गलियों में चलने लगीं नावें

बाराणसी।बाढ़ की वजह से वरुणा के तटवर्ती इलाकों में घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा में उफान से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है, वहीं गलियों में भी नाव चलनी शुरू हो गई हैं। बनारस में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (71.26 मीटर) को पार कर गया है। रविवार सुबह केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर 71.36 मीटर तक पहुंचा। गंगा इस समय खतरे के निशान से दस सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। सुबह सात बजे से गंगा में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार एक सेंटीमीटर प्रति घंटा बनी हुई है। सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 71.37 मीटर दर्ज किया गया है। इसकी वजह से तटवर्ती कॉलोनियों के अलावा गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा की ओर भी नदी का रुख हो गया है। बाढ़ की वजह से वरुणा के तटवर्ती इलाकों में घरों में पानी प्रवेश कर चुका है। गंगा में उफान से निचले इलाकों में दहशत का माहौल है। जलस्तर बढ़ने के कारण जहां शहरी कॉलोनियों में पानी घुसने लगा है, वहीं गलियों में भी नाव चलनी शुरू हो गई हैं अस्सी-नगवां मुख्य मार्ग पर गंगा का पानी चढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया है। घाट से जुड़ी गलियों में बाढ़ का पानी चढ़ने से नौका संचालन किया जा रहा है। वरुणा पार इलाके में दुश्वारियां बढ़ने से तेजी से पलायन हो रहा है। रविवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.96 मीटर पर था। 11 बजे गंगा का जलस्तर 70.98 मीटर पहुंच गया। 12 बजे से गंगा में दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ोतरी होने लगी और शाम सात बजे तक जलस्तर 71.14 मीटर तक पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने से गंगा का पानी अब सड़कों पर पहुंच गया है। जल पुलिस ने बताया कि गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गंगा में निगरानी बढ़ा दी गई है। दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट की गलियों में नाव चल रही है। अस्सी चौराहे पर ही भेलूपुर पुलिस के तरफ से बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया गया है। साथ ही नगवां के तरफ से आने वाले रास्ते पर भी पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है। शवदाह के लिए बढ़ी मुसीबतें गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। मणिकर्णिका घाट पर जहां छत पर शवदाह हो रहा है, वहीं हरिश्चंद्र घाट के ऊपर गलियों में शवदाह शुरू हो चुका है। गंगा की सभी घाटों का संपर्क पूरी तरह से समाप्त हो गया है। ऐसे में हरिश्चंद्र और मणिकर्णिका दोनों ही घाटों पर लोगों को शवदाह करने के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। कॉलोनियों में बढ़ गई दुश्वारियां, डूबी फसल गंगा में बढ़ते जलस्तर से सामनेघाट की कॉलोनियों के लोगों की सांसें अटकी हुई हैं। रविवार शाम तक मदरवा, मारुति नगर में पानी घुसने से सैकड़ों लोग प्रभावित हो चुके हैं। गलियों में घुटने से ऊपर पानी भरने से लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। नगवां नाले में भी पानी तेज गति से बढ़ने लगा है। यहां रहने वाले लोग परिवार को गांव या रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। लोगों ने बाढ़ आने की दशा में पुलिस कर्मियों या एनडीआरएफ के जवानों से गश्त कराने की मांग की है। पानी बढ़ने से रमना गांव में सैकड़ों बीघा से अधिक सब्जी की सफल डूब गई है।

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