अम्बेडकरनगर। जनपद में कुल 2130 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें की सरकार की मंशा के अनुसार अभी भी कुछ केन्द्र किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं जबकि सभी ग्राम पंचायतों में आंगनवाड़ी भवन का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। वही 2130आंगनवाड़ी केन्द्र के सापेक्ष 45 केन्द्र किराए के भवन में चल रहे हैं। अब शासन ने लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन 45 भवनों के निर्माण को पूरा करने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। संबंधित भवनों के निर्माण से उन केंद्रों में पंजीकृत 10 हजार से अधिक बच्चों के साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ मिलेगा। बाल विकास विभाग के अनुसार सितंबर के माध्य तक धनराशि उपलब्ध होने के बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी कर 45 आगनवाडी केन्द्रों का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत बच्चों के साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके, इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। मौजूदा समय में जिले में 2551 आंगनबाड़ी केंद्र अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित हो रहे हैं। इनमें से मात्र 421 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास ही अपना भवन है। शेष 2130 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे हैं, जो या तो किराए के भवन या फिर पंचायत भवन व प्राथमिक विद्यालय में संचालित हो रहे हैं। ऐसे में संबंधित केंद्र में पंजीकृत बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को विभिन्न प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अपना भवन न होने से योजनाओं के समुचित संचालन में भी दिक्कतें आती रहती हैं। इस बीच बीते दिनों ही शासन ने बाल विकास विभाग से आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव मांगा था। विभाग ने ऐसे 65 केंद्रों की पत्रावलियां शासन को उपलब्ध कराई थीं। बाल विकास विभाग के अनुसार शासन ने इन 65 प्रस्तावों की तुलना में 45 आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी।सीडीपीओ विनोद कुमार ने बताया कि 7 लाख 52 हजार रुपये की लागत से निर्मित होने वाले प्रत्येक भवन के लिए कुल 3 करोड़ 38 लाख 40 हजार रुपये लागत आएगी। बताया कि प्रत्येक भवन के निर्माण के लिए बाल विकास विभाग 2 लाख, 1 लाख 6 हजार रुपये पंचायतीराज तथा शेष राशि मनरेगा के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। बताया कि संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण से 10 हजार से अधिक बच्चों के साथ ही गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ मिलेगा। बताया कि उम्मीद है कि सितंबर के दूसरे पखवाडे़ में धन की उपलब्धता के बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी कर नामित कार्यदायी संस्था द्वारा संबंधित भवनों के निर्माण का कार्य कराया जाएगा।
शासन ने दी मंजूरी
शासन को 65 केंद्र के भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। इसकी तुलना में 45 केंद्रों के भवन के निर्माण को शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है। लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये की लागत से संबंधित भवनों का निर्माण होगा। इसका सीधा लाभ 10 हजार से अधिक बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को मिलेगा।
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