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Monday, November 15, 2021

एक्सप्रेस-वे पर उड़ान भर सकेंगे वाहन पूरी हुईं तैयारियां

अम्बेडकरनगर। जिले के सात गांवों से होकर गुजरा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कल उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

अम्बेडकरनगर। जिले के सात गांवों से होकर गुजर रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे। जिले में लगभग साढ़े 5 किमी. दूरी में एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है। इसके निर्माण से लगभग 450 किसान प्रभावित हुए हैं। इन्हें 96 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। लगभग डेढ़ करोड़ का भुगतान विभिन्न मामलों के कोर्ट में चलने के चलते लंबित है।

लखनऊ से गाजीपुर तक को सीधे जोड़ने के लिए जिस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण 16 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी सुल्तानपुर में करेंगे, वह जिले के अकबरपुर व जलालपुर तहसील से होकर गुजर रहा है। जिले की सीमा में 5 किमी 600 मीटर की दूरी में गुजर रहे इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 455 किसानों की 63.94 हेक्टेअर क्षेत्रफल भूमि ली गई है। इस हिस्से में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण का जिम्मा कार्यदायी संस्था दिलीप बिल्डकॉन को सौंपा गया था।

गौरतलब है कि कुल 97 करोड़ 68 लाख रुपये का भुगतान किसानों को होना था। इसमें से 96 करोड़ 6 लाख रुपये का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। विभिन्न मामलों का न्यायालय में मुकदमा चलने तथा अन्य कागजात के अभाव में एक करोड़ 62 लाख रुपये का भुगतान होना अभी शेष है। एक्सप्रेस-वे का सीधे तौर पर लाभ अकबरपुर तहसील के रसूलपुर दियरा में जनपदवासियों को मिल रहा है। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण अकबरपुर तहसील के रसूलपुर दियरा, रेवरा, उम्मरपुर व अहेथा तथा जलालपुर तहसील के गोपरी चांदपुर, रामगढ़ व सिंधिपुर से होकर हुआ है।


उत्तर प्रदेश में नौ जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की सभी जरूरी प्रकिया हुई पूरी 16 नवम्बर से पुरी तरह से चल सकेंगी गाड़िया

बीते दिनों से ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बड़ी तेजी से काम को अंतिम रूप देने के लिए बड़ी संख्या में काम कराया जा रहा था जो कि आज पूरी तरह से पूरा कर लिया गया है। अब जब मंगलवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण होना है तो इसके पहले ही यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले वाहनों को अब नौ जिलों का सफर आसन हो जाएगा। साथ ही एक्सप्रेस-वे पर चलने वालों की सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग, कैटल कैचर वाहन और एंबुलेंस लगाई गई हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से गाजीपुर से लखनऊ तक साढ़े तीन घंटे में पहुंच सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 

प्रदेश के नौ जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस का सुल्तानपुर के कूरेभार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 नवम्बर मंगलवार को उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके पूर्वांचल को विकास को पंख लग जाएंगे। एक्सप्रेस-वे के नजदीकी क्षेत्रों में उद्योगों के विकास के साथ शैक्षणिक व स्वास्थ्य संस्थान, वाणिज्यिक केंद्र खुलने से विकास के साथ रोजगार की नई राह भी खुल सकेगी। अब आम नागरिकों के लिए बहुत ही कम समय में अच्छी सफर व जाम की समस्या से निजात मिल सकेगी।

वाहन चालकों के लिए खुशखबरी 

यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) के सीईओ अवनीश अवस्थी ने सोमवार को बताया कि उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री की जनसभा के साथ वायुसेना का बड़ा एयर-शो होगा। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर बैटरी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए निशुल्क जमीन दी जाएगी। हर पुलिस चौकी के पास हेलीपैड बनाए जाएंगे। फिलहाल इस पर टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा।

आइए जाने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को एक नजर में

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई  340.824 किमी, सड़क की चौड़ाई 120 मीटर,  इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालक अपनी गाड़ी को 100 किमी/घंटा, 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चला सकते है। साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सुल्तानपुर में 3.20 किमी लंबा व 34 मीटर चौड़ा एयर स्ट्रिप लड़ाकू विमानों के लिए खास तौर से बनाया गया है। इसके अलावा इस पर 8 स्थानों पर पेट्रोल पंप और 4 स्थानों पर सीएनजी स्टेशन का भी निर्माण कराया गया है। 8 प्रसाधन ब्लॉक और 8 जनसुविधा परिसर। एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट का प्रावधान है। इसके साथ ही 4.5 लाख पौध भी लगवाए जाएंगे। इसमें कुल ख़र्च लगभग लागत का 90.71 प्रतिशत खर्च। इस परियोजना की कुल लागत (भूमि समेत) 22497 करोड़। अब तक खर्च  20408 करोड़ (90.71 प्रतिशत)


अब दिल्ली से गाजीपुर तक सफर एक्सप्रेस-वे पर

जानें कहां और किस एक्सप्रेस से करेंगे 833 किमी का सफर

दिल्ली (निजामुद्दीन)    नोएडा    25 किमी    दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

नोएडा    आगरा    165 किमी    यमुना एक्सप्रेस-वे

आगरा    लखनऊ    302 किमी    आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे

लखनऊ    गाजीपुर    341 किमी    पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

आगे भी बढ़ेगी कनेक्टिविटी

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अलग लिंक रोड से आजमगढ़-वाराणसी से जोड़ा जाएगा। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे गोरखपुर जिले को आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा। बक्सर-गाजीपुर एलिवेटेड रोड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे व नेशनल हाइवे से बिहार के आरा और पटना से सीधे जुड़ेगा।



सुकून में दिखे कार्यकर्ता, प्रशासन परभीड़ जुटाने का जिम्मा

अंबेडकरनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुल्तानपुर दौरे में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी प्रशासन ने अघोषित तौर पर संभाल ली है। कुल 20 हजार लोगों की जिले से भागीदारी का लक्ष्य है। प्रशासन ने चूंकि स्वयं मोर्चा संभाल रखा है, इसलिए निकटवर्ती जिले में पीएम के आगमन को लेकर बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता सुकून में दिखे। ऐसा इसलिए क्योंकि लाभार्थियों को ले जाने व भीड़ जुटाने के लिए कुल नौ में से प्रत्येक ब्लॉक में 44-44 बसें प्रशासन की निगरानी में भेज दी गई हैं। सभी ब्लॉक को मिलाकर

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में नागरिकों को ले जाने के लिए खड़ी बसें

396 बसों से ग्रामीण पीएम के कार्यक्रम में ले जाए जाएंगे। इसके लिए बसें एक दिन पहले ही संबंधित गांवों में पहुंच गईं। इन बसों से ग्रामीणों को ले जाने के लिए बाकायदा कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक बस पर एक जिम्मेदार कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। गांव में ही ऐसे सभी ग्रामीणों के नाश्ते का भी प्रबंध किया गया है, जबकि लंच सभी को कार्यक्रम स्थल पर ही मिलेगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में भारी भीड़ तय करने की जिम्मेदारी यूं तो भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की होनी चाहिए, लेकिन इस बार वे आराम में दिखे। ऐसा इसलिए क्योंकि अघोषित तौर पर भीड़ जुटाने का जिम्मा प्रशासन ने संभाल रखा है। पीएम के दौरे में भीड़ को लेकर इसी के चलते सत्तारूढ़ दल के नेताओं व

बस को रवाना करते अधिकारी

कार्यकर्ताओं की तरफ से तैयारियों की कोई खबर मीडियाकर्मियों तक नहीं पहुंचाई गई। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके द्वारा तैयारी करने की बजाय प्रशासन की तैयारियों पर ही पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया गया है।

इस बीच प्रशासन ने लगभग 20 हजार नागरिकों की रैली में भागीदारी का लक्ष्य पूरा करने के लिए बैकडोर से तमाम जरूरी इंतजाम किए हैं। इसके लिए जिले में सोमवार को ही प्रदेश के अलग-अलग डिपो से बसें जिला मुख्यालय पहुंच गईं। इन बसों को पहले राजकीय हवाई पट्टी अकबरपुर में खड़ा किया गया। इसके बाद उन्हें जिले के सभी नौ ब्लॉकों की तरफ रवाना कर दिया गया। प्रत्येक ब्लॉक को 44-44 बसें उपलब्ध कराई गईं।

ज्यादातर गांव में बसें शाम तक पहुंच गईं। तैयारी यह है कि इन बसों से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जाने को उत्सुक आम नागरिकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को सुरक्षित ढंग से ले जाया जाएगा। भीड़ जुटाने की तैयारी का जिम्मा प्रशासन पर किस तरह है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्लॉकों से प्रत्येक बस के लिए एक-एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। इसी कर्मचारी की देखरेख में भीड़ सुल्तानपुर तक जाएगी। इन सब तैयारियों के चलते ही पीएम के दौरे से पहले सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता पूरे इत्मिनान में नजर आए।

बस चालकों व परिचालकों ने जताई कड़ी नाराजगी

प्रदेश के अलग-अलग डिपो से भीड़ जुटाने के लिए बसें तो जिला मुख्यालय पहुंच गईं, लेकिन चालकों व परिचालकों के लिए भोजन का प्रबंध न हो पाने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई। कई चालकों व परिचालकों ने कहा कि हम लोगों को रवाना होने से पहले ही रकम मिलने की बात कही गई थी। कुछ डिपो में रकम दे दी गई, तो कई जगह नहीं दी गई। यहां भी आने पर भोजन का इंतजाम नहीं मिला।

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