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Thursday, March 24, 2022

एनटीपीसी में मना विश्व जल दिवस

 अम्बेडकरनगर। समय समय पर एनटीपीसी टांडा द्वारा अनेकों कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता रहा है। इसी क्रम में आज एनटीपीसी टाण्डा द्वारा भूजल प्रबंधन पर हितधारक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें लोगों को जल संचयन के बारे मे विशेष रूप से जानकारी दी गई। और साथ ही यह भी बताया गया कि जिस प्रकार से गर्मी पानी की कमी से परेशानीH होने लगती है। इसके लिए हम सभी को आवस्यकता अनुसार ही पानी का उपयोग करना चाहिए। साथ ही जिस भी स्थान से हम पानी निकाल रहे हैं उसी स्थान पर जल संचयन के लिए एक गड्ढा तैयार कर ले जिससे कि जो भी पानी हमारे उपयोग करने के बाद बेकार हो रहा है वो उसी गड्ढे में जाता रहे जिससे कि उस स्थान का जल स्तर कम न होने पाए।

जल संचयन कार्यक्रम में जानकारी देते वक्ता

गौरतलब है कि एनटीपीसी टाण्डा द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम किये जाते है इसी प्रकार से आज दिनाँक 24 मार्च को एनटीपीसी -टाण्डा द्वारा विश्व जल दिवस 2022 के उपलक्ष्य में भूजल प्रबंधन कार्यक्रम का आयोजन पंचायत भवन, मखदूम नगर टाण्डा में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन एनटीपीसी टांडा के पर्यावरण प्रबंधन विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बेडकरनगर के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में श्री एच.डी.गोझिया, वरि0प्रबंधक, पर्यावरण प्रबंधन नें सभी आंगतुकों का स्वागत किया और उनको अवगत कराया की विगत वर्षों में भूजल की कमी की समस्या विश्व भर में बढ़ी है। ऐसे में आमजन को भूजल संरक्षण के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी टांडा नें इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बेडकरनगर के वरि0 वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, डा0 राम जीत ने ग्रामिणों को भूजल की वर्तमान स्थिति के बारें में अवगत कराते हुए कहा कि पृथ्वी का 97 प्रतिशत जल उपभोग के योग्य नही है। अतः हमे यह जानने की आवश्यकता है कि ताजे पानी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए हमे अपने घर एवं खेतों में पानी का किस प्रकार संरक्षण करना है। डा0 विद्या सागर, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बेडकरनगर ने सभी ग्रामवसियों को भूजल संरक्षण के लिए कई उपाय बताए जैसे खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन करे एवं मुर्गी पालन करे। उन्होनें बताया की इन तकनीकों का उपयोग करके न केवल भूजल संरक्षण कर सकते है अपितु आजिविका कमाने के वैकल्पिक साधन भी उपलब्ध होते है। कार्यक्रम के समापन में सभी ग्रामवासियों ने एनटीपीसी टांडा प्रबंधन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बेडकरनगर से पधारे फैकल्टी सदस्यों का आभार प्रकट किया और आगे भी ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन कराने की बात कही।

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